अगर आप भी सोच रहे हैं कि इलेक्ट्रिक कारें कब फुल चार्ज होकर मिनटों में निकलेंगी और सिंगल चार्ज में सैकड़ों किलोमीटर दौड़ेंगी, तो अब सपना हकीकत बनने जा रहा है। Nissan ने एलान कर दिया है कि उनकी पहली EV सॉलिड-स्टेट बैटरी के साथ 2028 में बाज़ार में आएगी। यह नई टेक्नोलॉजी ना केवल कार की रेंज बढ़ाएगी, बल्कि चार्जिंग टाइम भी कम कर देगी। EV बाजार में इसे “गेम-चेंजर” कहा जा रहा है।
Nissan की EV बैटरी टेक्नोलॉजी में नया धमाका
Nissan ने 2021 में एलान किया था कि वह एक नई सॉलिड-स्टेट बैटरी टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है, जो पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में 30% ज्यादा ऊर्जा घनत्व देती है। अब कंपनी ने पुष्टि कर दी है कि 2028 तक वह अपनी पहली EV को इसी तकनीक के साथ लॉन्च करेगी। Nissan के यूरोप के प्रोडक्ट प्लानिंग डायरेक्टर Christop Ambland ने कहा कि “हम सॉलिड-स्टेट बैटरी को जल्दबाज़ी में लॉन्च नहीं करना चाहते, हमारी प्राथमिकता विश्वसनीयता और ग्राहकों की उम्मीदों पर खरा उतरना है।”
सॉलिड-स्टेट बैटरी क्या है और क्यों है खास
EV इंडस्ट्री में सॉलिड-स्टेट बैटरी को अगले स्तर की टेक्नोलॉजी माना जा रहा है। इसमें तरल इलेक्ट्रोलाइट्स की जगह ठोस इलेक्ट्रोलाइट्स का इस्तेमाल होता है, जिससे बैटरी ज्यादा सुरक्षित, टिकाऊ और तेजी से चार्ज होने वाली होती है। Nissan का कहना है कि इसकी बैटरी चार्जिंग टाइम को एक-तिहाई तक घटा सकती है, यानी अब चार्जिंग के लिए घंटों का इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।
EV बैटरी टेक्नोलॉजी की रेस में Nissan कहां खड़ा है
हालांकि Nissan का सॉलिड-स्टेट बैटरी आधारित EV 2028 तक आने की उम्मीद है, लेकिन तब तक Toyota, Volkswagen और BYD जैसी कंपनियां 2027 तक अपने सॉलिड-स्टेट EV मॉडल लॉन्च करने की योजना बना चुकी हैं। इसका मतलब यह हुआ कि Nissan थोड़ी देर से मैदान में उतर रहा है, लेकिन उसकी तकनीक और ब्रांड विश्वसनीयता को देखते हुए बाज़ार में पकड़ बना सकता है। Nissan ने यह भी इशारा दिया है कि आने वाले समय में इस टेक्नोलॉजी को सिर्फ EV तक सीमित न रखकर Plug-in Hybrid गाड़ियों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
Nissan की EV बैटरी से बढ़ेगी कारों की ताकत और रेंज
EV बैटरी टेक्नोलॉजी का एक बड़ा फायदा यह होगा कि कार का वज़न घटेगा, जिससे गाड़ी ज्यादा फुर्तीली और माइलेज में जबरदस्त होगी। Nissan की मानें तो नई सॉलिड-स्टेट बैटरी वाली EV कारें एक बार की चार्जिंग में 800-900 किलोमीटर तक चल सकेंगी। इतना ही नहीं, यह टेक्नोलॉजी परफॉर्मेंस कारों में भी इस्तेमाल की जा सकती है। अक्टूबर 2024 में Nissan ने Hyper Force EV नाम की सुपरकार का कॉन्सेप्ट दिखाया था, जिसमें 1300 hp की पावर का दावा किया गया था। अब यही टेक्नोलॉजी कंपनी की अगली पीढ़ी की GT-R electric जैसी स्पोर्ट्स कारों में भी देखने को मिल सकती है।
सिर्फ EV नहीं, Hybrid गाड़ियों में भी दिखेगा कमाल
Nissan ने यह भी संकेत दिया है कि सॉलिड-स्टेट बैटरियों का उपयोग भविष्य में Plug-in Hybrid गाड़ियों में भी किया जा सकता है। यानी आने वाले समय में सिर्फ EV ही नहीं, बल्कि Hybrid कारें भी हल्की, मजबूत और ज्यादा माइलेज देने वाली होंगी। इससे गाड़ियों की लागत भी कम होगी और मेंटेनेंस का झंझट भी घटेगा।
अब EV क्रांति में होगा असली धमाका
EV बैटरी टेक्नोलॉजी का मैदान अब काफी गर्म हो गया है। Tesla, BYD, Hyundai, और Honda जैसे ब्रांड जहां पहले ही बाज़ार में पकड़ बना चुके हैं, वहीं अब Nissan नए टेक्नोलॉजी के साथ दमदार एंट्री की तैयारी में है। हालांकि बाज़ार में देर से आना कभी-कभी नुकसानदेह होता है, लेकिन अगर टेक्नोलॉजी बाकी सब से उन्नत हो तो गेम पलटने में देर नहीं लगती।
Nissan की यह कोशिश साफ दिखाती है कि कंपनी सिर्फ EV बनाने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि EV बैटरी टेक्नोलॉजी को नए मुकाम तक ले जाना चाहती है। अब देखना यह होगा कि 2028 तक लॉन्च होने वाली Nissan की पहली सॉलिड-स्टेट बैटरी EV कितनी दमदार साबित होती है और क्या यह बाकी दिग्गज कंपनियों को टक्कर देने में कामयाब होती है या नहीं।
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