Ashok Leyland Comeback : उत्तर भारत, खासकर दिल्ली और आसपास के इलाके, कमर्शियल वाहनों का सबसे बड़ा बाज़ार है। ये इलाका पूरे देश के कमर्शियल वाहन उद्योग का एक तिहाई हिस्सा संभालता है। Ashok Leyland, जो पहले से ही दक्षिण और पश्चिम भारत में अपनी मजबूत पकड़ रखता है, अब उत्तर भारत में अपनी जड़ें और गहरी करने जा रहा है। कंपनी के M&HCV (मध्यम और भारी कमर्शियल वाहन) सेगमेंट के प्रेसिडेंट Sanjeev Kumar ने बताया कि कंपनी FY26 में 50 नए टचपॉइंट्स खोलेगी। ये टचपॉइंट्स 7.5 से 55 मेट्रिक टन तक के ट्रक और बसों पर फोकस करेंगे। इसका मतलब है कि चाहे माल ढोना हो या यात्रियों को ले जाना, Ashok Leyland हर जरूरत को पूरा करने के लिए तैयार है।
पिछले तीन सालों में कंपनी ने उत्तर भारत में अपनी मार्केट हिस्सेदारी 6.5% बढ़ाई है। FY25 में, Ashok Leyland ने इस क्षेत्र में लगभग 33,000 यूनिट्स बेचीं, जो कुल M&HCV मार्केट का 26% हिस्सा है। अब कंपनी का लक्ष्य है कि 2028 तक उत्तर भारत में 30% मार्केट शेयर हासिल कर लिया जाए। ये कोई छोटा सपना नहीं है, लेकिन Ashok Leyland की रणनीति और देसी जुनून को देखते हुए ये मुमकिन लगता है।
दिल्ली, जो भारत की आर्थिक गति का एक बड़ा केंद्र है, Ashok Leyland की रणनीति में खास जगह रखता है। तेजी से बढ़ता शहरीकरण और माल ढुलाई की मांग ने दिल्ली को कमर्शियल वाहनों का हब बना दिया है। Sanjeev Kumar ने कहा कि उत्तर भारत में हर तीसरे कमर्शियल वाहन की मांग इस क्षेत्र से आती है। ऐसे में, कंपनी का फोकस दिल्ली और आसपास के इलाकों में अपनी सर्विस नेटवर्क को मजबूत करना है। FY27 तक Ashok Leyland का प्लान है कि हर 50 किलोमीटर पर एक वर्कशॉप हो, ताकि ग्राहकों को सर्विस में कोई दिक्कत न आए। ये कदम न सिर्फ ग्राहकों का भरोसा बढ़ाएगा, बल्कि कंपनी की पहुंच को भी और विस्तार देगा।
Ashok Leyland Comeback
कमर्शियल वाहन उद्योग में FY25 में 3% की गिरावट देखी गई, लेकिन Ashok Leyland के लिए अच्छी खबर ये है कि FY26 में इस सेगमेंट में सिंगल-डिजिट ग्रोथ की उम्मीद है। Sanjeev Kumar ने बताया कि कंपनी इंडस्ट्री से तेज़ी से बढ़ने की योजना बना रही है। सरकार की इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोरदार निवेश और नई हाईवे परियोजनाओं ने कमर्शियल वाहनों की मांग को बढ़ाया है। खासकर उत्तर भारत में, जहां लॉजिस्टिक्स और फ्रेट मूवमेंट का दबदबा है, Ashok Leyland इस मौके को भुनाने के लिए तैयार है। कंपनी का मानना है कि बेहतर सड़कें और कम ट्रैवल टाइम भारत के लॉजिस्टिक्स कॉस्ट को 50% तक कम कर सकते हैं, जिसका फायदा कमर्शियल वाहन उद्योग को मिलेगा।
Ashok Leyland की सफलता का राज़ है इसकी गाड़ियों की क्वालिटी और कम मेंटेनेंस कॉस्ट। कंपनी का दावा है कि उनके वाहन न सिर्फ टिकाऊ हैं, बल्कि उनका टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप भी कम है। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में उत्तर भारत में कंपनी की मार्केट हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। इसके अलावा, कंपनी का मौजूदा नेटवर्क, जिसमें करीब 300 टचपॉइंट्स शामिल हैं, ग्राहकों को भरोसेमंद सर्विस देता है। नए 50 टचपॉइंट्स के जुड़ने से ये नेटवर्क और मजबूत होगा, जिससे ग्राहकों को और बेहतर अनुभव मिलेगा।
Ashok Leyland सिर्फ डीजल और पेट्रोल वाहनों तक सीमित नहीं है। कंपनी इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन से चलने वाले कमर्शियल वाहनों पर भी काम कर रही है। National Green Hydrogen Mission के तहत, Ashok Leyland हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रकों और बसों के पायलट प्रोजेक्ट्स में हिस्सा ले रहा है। ये कदम कंपनी को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं, क्योंकि ग्रीन टेक्नोलॉजी की मांग आने वाले सालों में और बढ़ेगी। उत्तर भारत में बढ़ती मांग को देखते हुए, कंपनी इन नए टेक्नोलॉजी-आधारित वाहनों को भी इस क्षेत्र में लाने की योजना बना रही है।
Ashok Leyland की आर्थिक स्थिति भी मजबूत है। FY25 में कंपनी ने 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत की, जिसका श्रेय कच्चे माल की कम कीमतों और बेहतर ऑपरेशनल दक्षता को जाता है। कंपनी के पास 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश रिज़र्व है, जिसका इस्तेमाल वो नए बाज़ारों में विस्तार और संभावित अधिग्रहण के लिए कर सकती है। इसके अलावा, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनावों का Ashok Leyland के निर्यात पर कोई असर नहीं पड़ा है, जो कुल उत्पादन का 8% है। ये दिखाता है कि कंपनी न सिर्फ देसी बाज़ार में, बल्कि विदेशी बाज़ारों में भी अपनी पकड़ बनाए हुए है।
तो भई, Ashok Leyland की ये नई चाल उत्तर भारत की सड़कों पर नया रंग जमाने वाली है। 50 नए टचपॉइंट्स, बेहतर सर्विस नेटवर्क, और भविष्य की टेक्नोलॉजी के साथ कंपनी तैयार है बाज़ार में तहलका मचाने को। दिल्ली से लेकर पूरे उत्तर भारत में, Ashok Leyland का नाम अब और चमकेगा। ये खबर हर उस देसी दिल को सुकून देगी, जो मज़बूत और भरोसेमंद कमर्शियल वाहनों की तलाश में है। तो तैयार हो जाइए, क्योंकि Ashok Leyland का कारवां अब रुकने वाला नहीं है। सड़कों पर दौड़ेगी इसकी गाड़ियां, और दिलों में बजेगा इसका डंका!
यह लेख केवल सूचना के लिए है। किसी भी निर्णय से पहले स्वयं शोध करें। जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से ली गई है।