खेती में खर्च घटे और पर्यावरण को नुकसान भी न हो, ऐसा सपना हर किसान का होता है। अब इस सपने को साकार करने आ रहे हैं CNG ट्रैक्टर। केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने खुद कहा है कि वो अपने खेत में CNG ट्रैक्टर का उपयोग कर रहे हैं और जल्द ही पूरे देश में यह विकल्प किसानों के लिए उपलब्ध होगा।
CNG ट्रैक्टर से किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा
देश में तेजी से बदलते कृषि परिवेश में अब नया मोड़ आ रहा है। नितिन गडकरी ने पुणे में आयोजित एक इंटरनैशनल टनल वर्कशॉप में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब खेती के लिए CNG ट्रैक्टर भी तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वो खुद अपने खेत में CNG ट्रैक्टर चला रहे हैं और किसानों को अब इस नए विकल्प की ओर बढ़ना चाहिए।
यह सिर्फ एक पर्यावरण के लिए अच्छा कदम नहीं है, बल्कि आर्थिक रूप से भी किसानों को इससे काफी राहत मिलेगी। डीज़ल की महंगाई के मुकाबले CNG एक सस्ता और स्वच्छ ईंधन है, जिससे ट्रैक्टर की लागत में कमी आएगी। साथ ही, इससे खेतों में प्रदूषण भी कम होगा और फसलों पर उसका असर नहीं पड़ेगा।
अब CNG ट्रैक्टर के साथ इलेक्ट्रिक और एथनॉल वर्जन भी तैयार
गडकरी ने यह भी बताया कि सरकार सिर्फ CNG ट्रैक्टर तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि इलेक्ट्रिक और एथनॉल से चलने वाले ट्रैक्टर भी बाजार में उतारे जा रहे हैं। इस पहल का मकसद है किसानों को ज्यादा विकल्प देना ताकि वे अपने बजट और ज़रूरत के हिसाब से सही वाहन चुन सकें।
यह एक बड़ी क्रांति की शुरुआत मानी जा रही है, क्योंकि अब देश का किसान भी उस तकनीक का उपयोग कर सकेगा जो अभी तक शहरों तक सीमित थी। गडकरी ने साफ तौर पर कहा कि आने वाले वक्त में खेतों में पेट्रोल-डीजल की जगह CNG, हाइड्रोजन और एथनॉल का ही उपयोग होगा।
टनल तकनीक में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम
टनल निर्माण पर बात करते हुए Nitin Gadkari ने कहा कि आने वाले समय में देश में 3 लाख करोड़ रुपये की टनल परियोजनाएं लाई जाएंगी। उन्होंने ये भी बताया कि फिलहाल टनल मशीन चीन से मंगाई जाती है, लेकिन अब भारत खुद अपनी टनलिंग मशीन बनाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मशीनें अब देश में ही बनानी होंगी, ताकि विदेशी निर्भरता खत्म हो और लागत भी घटे।
टनल बनाते समय सुरक्षा को भी लेकर उन्होंने गंभीर चिंता जताई और कहा कि अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से टनल निर्माण और सुरक्षा दोनों में सुधार लाया जाएगा।
बोल्ड अंदाज़ में बोले गडकरी – ठेकेदारों को जेल भेजूंगा!
गडकरी की बातचीत सिर्फ तकनीक तक सीमित नहीं रही, उन्होंने अपने खास अंदाज़ में उन टोल कंपनियों और ठेकेदारों को चेतावनी भी दी जो काम में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कुछ ठेकेदार काम में मनमानी कर रहे हैं, जिन्हें वो अब जेल भेजने का मन बना चुके हैं।
उनका कहना था कि अगर कोई कामचोरी करेगा, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। टोल नाकों की नई टेक्नॉलॉजी लाकर पारदर्शिता लाई जा रही है और देश के नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
पुणे में 50 हजार करोड़ रुपये से होंगे ब्रिज प्रोजेक्ट्स
गडकरी ने यह भी ऐलान किया कि पुणे जिले में 50 हजार करोड़ रुपये की लागत से ब्रिज बनाए जाएंगे। इन प्रोजेक्ट्स में नई टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा ताकि निर्माण की गुणवत्ता बेहतर हो और समय पर काम पूरा हो।
यह बात साफ है कि Nitin Gadkari केवल सड़क परिवहन के मंत्री नहीं हैं, बल्कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का नक्शा बदलने में जुटे हुए एक दूरदर्शी नेता हैं। चाहे बात हो CNG ट्रैक्टर की या फिर टनल मशीनों की, उनका हर कदम आत्मनिर्भर भारत की ओर इशारा करता है।
CNG से नहीं सिर्फ गाड़ियाँ, अब खेतों में भी क्रांति
जहां पहले CNG का नाम सुनते ही लोग सिर्फ शहरों की छोटी कारों के बारे में सोचते थे, वहीं अब ये तकनीक गांव तक पहुंच रही है। CNG ट्रैक्टर सिर्फ एक नया वाहन नहीं, बल्कि भारतीय खेती का भविष्य है। और जब देश के मंत्री खुद अपने खेत में CNG ट्रैक्टर चला रहे हों, तो इससे बड़ा संदेश और क्या हो सकता है?
बात सिर्फ इंधन की नहीं है, बात है एक सोच की—जो देसी है, लेकिन आधुनिक है। और यही सोच आज भारत को न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि ग्लोबल मंच पर भी ताकतवर बना रही है।
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