चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट्स के निर्यात पर सख्ती कर दी, लेकिन टाटा मोटर्स ने अभी तक कोई पैनिक बटन नहीं दबाया। कंपनी के टॉप अफसरों ने बताया कि रेयर अर्थ की सप्लाई अभी ठीक है, और अगले कुछ महीनों के लिए स्टॉक भी तैयार है। Shailesh Chandra, Tata Motors Passenger Vehicles और Tata Passenger Electric Mobility के मैनेजिंग डायरेक्टर, ने कहा कि कंपनी वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में है ताकि प्रोडक्शन में कोई रुकावट न आए। ये रेयर अर्थ मैग्नेट्स इलेक्ट्रिक वाहनों और पावर स्टीयरिंग सिस्टम में इस्तेमाल होते हैं, और इनके बिना गाड़ियों का प्रोडक्शन अटक सकता है। लेकिन टाटा मोटर्स ने पहले की सेमीकंडक्टर क्राइसिस से सबक लिया और अब हर चुनौती के लिए तैयार है। कंपनी सरकार के साथ भी मिलकर काम कर रही है ताकि रेयर अर्थ की कमी का लंबे समय तक कोई असर न पड़े।
Jaguar Land Rover पर टैरिफ की मार
टाटा मोटर्स की लक्ज़री ब्रांड Jaguar Land Rover (JLR) को अमेरिकी टैरिफ की वजह से तगड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने यूके से आने वाली गाड़ियों पर टैरिफ बढ़ाकर 27.5% कर दिया, जिसका असर JLR की कमाई पर पड़ा। कंपनी के CFO PB Balaji ने बताया कि FY26 में JLR की कमाई 29 बिलियन पाउंड से घटकर 28 बिलियन पाउंड हो सकती है। लेकिन टाटा मोटर्स ने इसका भी तोड़ निकाला। JLR ने कीमतों में सावधानी से बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है ताकि टैरिफ का असर कम हो। साथ ही, कंपनी अमेरिका में कोई नया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की बजाय मौजूदा सुविधाओं को और बेहतर करने पर फोकस कर रही है। ये देसी जुगाड़ का कमाल है कि टाटा मोटर्स हर मुश्किल में रास्ता निकाल लेता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का जलवा बरकरार
टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के मामले में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। कंपनी का टारगेट है कि 2030 से पहले 30% गाड़ियां इलेक्ट्रिक हों। Nexon EV, Punch EV, Tiago और Tigor जैसे मॉडल पहले से ही मार्केट में धूम मचा रहे हैं। Shailesh Chandra ने बताया कि रेयर अर्थ की कमी के बावजूद Harrier EV और Sierra EV की लॉन्चिंग अपने तय समय पर होगी। कंपनी रेयर अर्थ मैग्नेट्स की मात्रा कम करने और लंबे समय में इनके बिना गाड़ियां बनाने की टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रही है। ये कदम न सिर्फ टाटा मोटर्स को मज़बूत बनाएंगे, बल्कि भारत के EV मार्केट को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
तमिलनाडु में नया प्लांट: देसी गाड़ियों का नया ठिकाना
टाटा मोटर्स सिर्फ रेयर अर्थ और टैरिफ से नहीं जूझ रहा, बल्कि नए मौके भी तलाश रहा है। Jaguar Land Rover तमिलनाडु में 2026 तक Range Rover Evoque और Velar SUVs की असेंबलिंग शुरू करेगा। इसके लिए कंपनी 9,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। ये प्लांट न सिर्फ JLR की गाड़ियों को तैयार करेगा, बल्कि टाटा मोटर्स के प्रीमियम EV ब्रांड Avinya के लिए भी आधार बनेगा। ये कदम भारत के ऑटोमोटिव सेक्टर को और मज़बूत करेगा, खासकर उत्तर भारत में जहां इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेज़ी से बढ़ रही है।
टाटा मोटर्स सरकार के साथ मिलकर रेयर अर्थ की सप्लाई को लेकर लंबी रणनीति बना रहा है। भारत सरकार घरेलू रेयर अर्थ मैग्नेट प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी स्कीम पर विचार कर रही है। इससे न सिर्फ टाटा मोटर्स को फायदा होगा, बल्कि पूरा ऑटोमोटिव सेक्टर आत्मनिर्भर बनेगा। कंपनी के चेयरमैन N Chandrasekaran ने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियां जैसे Iran-Israel तनाव और ग्लोबल ट्रेड वॉर का असर हो सकता है, लेकिन टाटा मोटर्स की मज़बूत नींव इसे हर तूफान से पार ले जाएगी। कंपनी की तीनों डिवीजन – कमर्शियल वाहन, पैसेंजर वाहन और JLR – मज़बूत बैलेंस शीट और कैश फ्लो के साथ तैयार हैं।
तो भाई, टाटा मोटर्स ने साबित कर दिया कि देसी जुनून और स्मार्ट रणनीति से कोई भी चुनौती बड़ी नहीं। रेयर अर्थ की कमी हो या टैरिफ का झटका, कंपनी हर बार तगड़ा जवाब दे रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की रेस में आगे रहने से लेकर तमिलनाडु में नए प्लांट तक, टाटा मोटर्स भारत की सड़कों पर अपना जलवा बरकरार रखेगा। उत्तर भारत के देसी दिलों को ये खबर जरूर भाएगी, क्योंकि टाटा मोटर्स न सिर्फ गाड़ियां बनाता है, बल्कि भरोसा भी जीतता है। तो तैयार हो जाओ, क्योंकि टाटा मोटर्स का कारवां अब और तेज़ी से दौड़ेगा, और सड़कों पर देसी तड़के का जलवा बिखरेगा!
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